ग्लोबल चाइल्डहुड कैंसर डे। परमार्थ निकेतन में विशेष यज्ञ
ऋषिकेश। आज अन्तर्राष्ट्रीय चाइल्डहुड कैंसर डे के अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि हम सबको मिलकर ऐसे भविष्य का निर्माण करने की आवश्यकता है, जहां हर बच्चा स्वस्थ हो, चाहे उनका जन्म दुनिया के किसी भी देश में हुआ हो, सबको स्वस्थ, स्वच्छ और समृद्ध वातावरण मिलना चाहिए।
आज परमार्थ निकेतन में विश्वशान्ति और सभी के स्वस्थ जीवन की कामना से यज्ञ किया गया और हवन में विशेष आहुतियाँ समर्पित की गयी तथा कैंसर से पीड़ित सभी बच्चों के लिये विशेष पूजा का आयोजन किया गया।
परमार्थ निकेतन में उत्तराखंड बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डा गीता खन्ना के साथ भारत के 18 राज्यों के बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष व सदस्य भी कार्यक्रम में शामिल हुए। सबने परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी से भेंट की और आशीर्वाद लेने के बाद सभी ने विश्व विख्यात परमार्थ गंगा आरती में सहभाग किया।
चर्चा के दौरान स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि प्रत्येक वर्ष 20 वर्ष से कम उम्र के 400,000 से अधिक बच्चे और किशोर कैंसर से पीड़ित होते हैं, और उनके जीवित रहने की दर उनके क्षेत्र पर निर्भर करती है। विकसित देशों में जीवित रहने की दर 80 प्रतिशत है, लेकिन निम्न और मध्यम आय वाले देशों में जीवित रहने की दरकेवल 20 प्रतिशत तक है, जो वास्तव में चिंताजनक है।
आज के समय में आवश्यकता इस बात की है कि बचपन में कैंसर से प्रभावित बच्चों और उनके परिवारों के लिए इलाज को आगे बढ़ाना, बेहतर स्वास्थ्य देखभाल के लिये प्रेरित करना और जीवन के प्रति आशा पैदा करना अत्यंत आवश्यक है। विश्व स्तर पर, प्रतिदिन 1000 से अधिक बच्चों में कैंसर का पता चलता है जो वास्तव में डरावने आंकडें हैं।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि बचपन के कैंसर के खिलाफ लड़ाई में हम सभी की भूमिका महत्वपूर्ण है। सभी बच्चों को स्वस्थ जीवन प्रदान करना सभी माता-पिता का एक सपना होता है, जो अवश्य पूरा होना चाहिए। सभी बच्चों को इलाज का मौका और स्वस्थ जीवन जीने का अवसर अवश्य मिलना चाहिए।
स्वामी जी ने कहा कि बच्चे विश्व किसी भी गोलार्ध में रहते हो उनके जीवन को बचाने में मदद करना सभी की साझी जिम्मेदारी है। जिस प्रकार वर्तमान समय में दुनिया के हर कोने में हम प्रगति देख रहे हैं उसी प्रकार स्वास्थ्य सेवाओं में भी प्रगति अत्यंत आवश्यक है, और इसके लिये सभी की साझेदारी और समर्पण अत्यंत आवश्यक है। साथ ही इस समय पूरे विश्व को ईकोनामी और ईकोलाजी को साथ लेकर चलना होगा। सस्टेनेबल विकास हेतु डीकार्बोनाइजे़शन जरूरी है।
भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने मिशन लाइफ के माध्यम से प्रो प्लानेट पीपल अर्थात् ग्रह की जीवन शैली, ग्रह के लिये जीवन शैली और ग्रह के द्वारा जीवनशैली को स्वीकार करना होगा तभी हम अपनी आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ व स्वस्थ जीवन दे सकते हैं।
स्वामी जी ने कहा कि प्राचीन समय में भारतीय जीवन शैली प्रकृति के अनुकूल थी, तब कैंसर जैसी बीमारियाँ का प्रतिशत भी अत्यंत कम था। हमारी संस्कृति पर्यावरण अनुकूल विकास की रही है, यूज एंड ग्रो की रही है परन्तु अब हम यूज एंड थ्रो कल्चर की ओर बढ़ रहे है जिससे बीमारियाँ भी अधिक हो रही है।
हमें सीएसआर, कार्पोरेट सोशल रिस्पाॅन्सिबिलिटी के साथ अब सीसीआर सस्टेनेबिलिटी सोशल रिस्पाॅन्सिबिलिटी पर भी ध्यान देना होगा क्योंकि पर्यावरण सुरक्षा सबकी जिम्मेदारी है।