महाभारत के कर्ण पंकज धीर, परमार्थ निकेतन गंगा आरती में सम्मिलित हुए
ऋषिकेश। विश्व प्रसिद्ध टीवी धारावाहिक महाभारत में कर्ण का अभिनय करने वाले पंकज धीर सपरिवार परमार्थ निकेतन विश्व विख्यात गंगा आरती में सम्मिलित हुए।
‘रामायण‘ और ‘महाभारत’ टीवी के ऐसे पौराणिक धारावाहिक हैं, जिनमें काम करने वाले कलाकारों को आज भी श्रद्धा की दृष्टि से देखा जाता है। ‘महाभारत’ में कर्ण का अभिनय कर चुके एक्टर पंकज धीर को कर्ण के रूप में आज भी जाना पहचाना जाता है।
बीआर चोपड़ा के निर्देशन में बने ‘महाभारत’ व रामानंद सागर कृत रामायण को लोग आज भी देखना पसंद करते हैं। 1988 से 1990 के बीच दूरदर्शन पर प्रसारित हुए महाभारत ने घर-घर में दर्शकों का दिल जीत लिया था और इसमें नजर आए किरदारों को भी इस शो से घर-घर पहचान में मिलने के साथ खूब पसंद किया गया। कोविड-19 के दौरान इन दोनो धारावाहिक को सबसे अधिक देखा गया था।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि फिल्में और धारावाहिक समाज का दर्पण होते हैं, ये समाज में व्याप्त कुरीतियों, बुराइयों और विसंगतियों को जनसमुदाय के सामने प्रकट कर इसे समूल रूप से समाप्त करने हेतु प्रेरित भी करते है। सिनेमा लोगों को जागरूक करने का उत्कृष्ट माध्यम है।
स्वामी जी ने कहा कि वर्तमान में सिनेमा के प्रभाव से युवा स्वयं को बचा नहीं सकते। सिनेमा, समाज तथा युवाओं को जीवन के प्रत्येक पड़ाव में प्रभावित करता है, इसलिये अभिनय करने के साथ युवाओं का रोल माॅडल बनना भी जरूरी है। कोशिश यह होनी चाहिये कि सामाजिक व सांस्कृृतिक दोनों रूपों में सिनेमा का सकारात्मक प्रभाव समाज पर दिखायी पड़े। सिनेमा, केवल मनोरंजन के साथ मार्गदर्शन का साधन भी होना चाहिए।
स्वामी जी ने कहा कि सिनेमा, समाज ही बनाता है और समाज के लिये ही बनाता है ताकि एक नये समाज का निर्माण किया जा सके। इसलिये यह सामाजिक और पर्यावरण सरोकार से युक्त हो। सिनेमा, भारतीय संस्कृति व मूल्यों का पैरोकार हो। साथ ही भारतीय संस्कृति की समृद्ध परम्परा को दर्शाने वाला भी होना चाहिए। फिल्मों का विषय हिंसा व अश्लीलता नहीं बल्कि भारत की सादगी व संस्कारों से प्रेरित होना चाहिए।
एक्टर पंकज धीर ने कहा कि महानगरों में जो लोग रहते हैं जब वे परमार्थ निकेतन आते हैं, तब उन्हें पता चलता है कि शान्ति क्या होती है। यह भूमि शान्ति और अद्भुत एहसास देने वाली है। उन्होंने कहा कि पूज्य स्वामी जी गंगा आरती के माध्यम से प्रतिदिन पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हैं, उनका हम सभी अनुकरण कर अपने राष्ट्र की समृद्धि में योगदान प्रदान करे।
उन्होंने कहा कि महाभारत और रामायण दो ऐसे महाग्रंथ हैं, जो हमें बताते हैं कि क्या नहीं करना चाहिये। हम जीवन में इन दिव्य सूत्रों का अपनाये तो जीवन उत्कृष्ट और बेहतर हो जायेगा।
स्वामी जी ने पंकज धीर को रूद्राक्ष का दिव्य पौधा आशीर्वाद स्वरूप भेंट किया। इस अवसर पर अनिता धीर, विपिन खन्ना, पिंकी खन्ना, अरूण खन्ना, मधु खन्ना उपस्थित थे।