उत्तराखंड

1669 से हर साल हो रहा है सांगुड़ा का एतिहासिक गेंदमेला

पौड़ी। बिलखेत सांगुड़ा स्यार मे गेंदमेला जन कल्याण समिति के तत्वावधान में प्रतिवर्ष की भाँति इस वर्ष भी गेंदमेला भव्यता के साथ सम्पन्न हुआ।

मेले में पट्टी मनियार एवम पट्टी लंगूर के भक्तों ने ध्वज चिन्हों के साथ एकत्रित होकर आदि शक्ति माँ भुवनेश्वरी के दर्शनों के पश्चात मेले का आनंद लिया।

यह प्रसिद्ध गेंदमेला वर्ष 1669 से निरंतर होता चला आ रहा है। माँ भुवनेश्वरी देवी के पुजारी आचार्य नागेंद्र मोहन सैलवाल जी ने बताया कि यह मेला  मकर सक्रांति के शुभ अवसर पर आयोजित होता आ रहा है। जिसमे भक्त दूर-दूर से आकर माँ के दर्शन पूजन कर मेले का आनंद लेते है।

मकर सक्रांति के शुभावसर पर पूजा सेवा समिति द्वारा हवन पूजन कर सर्वे भवन्तु सुखिनः की कामना की गई।

यह मेला एक स्थान पर एकत्रित होकर प्रेम स्नेह सद्भावना को बढ़ाने का संदेश देता है। मेले मे अपनी संस्कृति संवर्धन हेतु महिलाओं द्वारा पारंपरिक लोक गीत थडिया चौफला एवम महिलाओं द्वारा रस्सा कस्सी के आयोजन के बाद पट्टी लंगूर एवम मनियारस्यू के बीच गेंद खेली जाती है।

इस वर्ष लंगूर पट्टी ने गेंद अपने पाले में करके जीत हासिल की।

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