राष्ट्रीय

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ की बैठक, सीमा पर किसी भी स्थिति से निपटने की तैयारियों पर चर्चा

संवेदनशील इलाकों में बढ़ाई गई निगरानी 

नई दिल्ली।  भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए संघर्ष विराम के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को पाकिस्तान से सटे इलाकों में सुरक्षा स्थिति की गहन समीक्षा की। इस उच्चस्तरीय बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान, थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी और रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह उपस्थित रहे।

पश्चिमी सीमा की स्थिति और सुरक्षा तैयारियों पर हुई चर्चा
सरकारी सूत्रों के अनुसार, बैठक में पश्चिमी सीमा पर मौजूदा हालात, बढ़ती गतिविधियों और उनसे निपटने की रणनीतियों पर विस्तृत चर्चा हुई। रक्षा मंत्रालय की इस पहल का उद्देश्य सीमावर्ती क्षेत्रों की निगरानी को और मजबूत करना और संभावित खतरों के प्रति सतर्कता सुनिश्चित करना था।

भारत-पाक संघर्ष विराम: पृष्ठभूमि
भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव के बाद 10 मई को शाम 5 बजे संघर्ष विराम पर सहमति बनी। यह निर्णय पाकिस्तान की पहल पर लिया गया, लेकिन भारत ने अपनी शर्तों के आधार पर ही सहमति जताई। भारत ने स्पष्ट किया कि भविष्य में किसी भी आतंकी गतिविधि को युद्ध की शुरुआत माना जाएगा।

तनाव की वजह: ऑपरेशन सिंदूर
6-7 मई की दरम्यानी रात भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और पाकिस्तान स्थित नौ आतंकी शिविरों को 24 मिसाइलों से ध्वस्त किया। इन शिविरों में आतंकी भर्ती और प्रशिक्षण दिया जाता था। इस कार्रवाई में मसूद अजहर के परिवार के दस सदस्य भी मारे गए।

पहलगाम आतंकी हमला बना कार्रवाई का कारण
यह सैन्य अभियान 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की प्रतिक्रिया में किया गया था, जिसमें आतंकियों ने बायसरन घाटी में पर्यटकों को निशाना बनाकर 26 लोगों की निर्मम हत्या कर दी थी। सेना की वर्दी में आए आतंकियों ने पहले धर्म की पहचान की और फिर विशेष समुदाय के लोगों को चुनकर गोली मारी।

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