उत्तराखंड

विधि विधान से खुले श्री बदरीनाथ धाम के कपाट, जयकारों से गूंजा धाम

छह महीने बाद अखंड ज्योति के दर्शन को उमड़े 10,000 से अधिक श्रद्धालु

बदरीनाथ धाम। उत्तराखंड के पवित्र बदरीनाथ धाम के कपाट आज सुबह छह बजे रवि पुष्य योग में विधिवत वैदिक मंत्रोच्चार के साथ श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। कपाट खुलते ही चारों ओर ‘जय बदरी विशाल’ के जयकारों से वातावरण भक्तिमय हो गया। इस शुभ अवसर पर श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा भी की गई, जिससे धाम की भव्यता और भी अद्भुत हो उठी।

देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु इस अवसर पर धाम पहुंचे, जो पिछले छह महीनों से जल रही अखंड ज्योति के दर्शन कर धन्य हो गए। प्रशासन के अनुसार, अब तक 10,000 से अधिक श्रद्धालु बदरीनाथ पहुंच चुके हैं।

मुख्यमंत्री ने की पूजा-अर्चना
कपाटोद्धाटन समारोह में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी उपस्थित रहे। उन्होंने बदरी विशाल के दर्शन कर विधिवत पूजा-अर्चना की और प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि की कामना की।

गेंदे के फूलों से सजा मंदिर, छटा देख भक्त हुए अभिभूत
इस पावन अवसर पर बदरीनाथ मंदिर को भव्य रूप से सजाया गया। मंदिर को 40 कुंतल गेंदे के फूलों से सजाया गया, जिसकी सजावट देर शाम तक चलती रही। विशेष रूप से सिंहद्वार के शीर्ष को सुंदर पुष्पों से अलंकृत किया गया।

पॉलीथिन मुक्त तीर्थयात्रा की पहल
चमोली जिला प्रशासन ने इस बार बदरीनाथ यात्रा को पॉलीथिन मुक्त बनाने का संकल्प लिया है। जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने धाम समेत यात्रा मार्ग के सभी होटल, ढाबा और व्यापारिक प्रतिष्ठानों से पॉलीथिन के उपयोग से बचने का आग्रह किया है।

साथ ही, कर्णप्रयाग, गौचर, नंदप्रयाग, पीपलकोटी, ज्योतिर्मठ, गोविंदघाट और पांडुकेश्वर के होटलों को रेट लिस्ट प्रदर्शित करने और अग्निशमन सिलिंडर अनिवार्य रूप से रखने के निर्देश भी दिए गए हैं।

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