उत्तराखंड

नेताओं की अमर्यादित बयानबाजी से उत्तराखंड विद्वतसभा नाराज किया बुद्धि शुद्धि यज्ञ

देहरादून। कोई भी देश यदि तरक्की करता है तो यह उस देश के नेताओं की ऊंची सोच, दूरदर्शिता और समर्पण के कारण ही संभव है। इसके विपरीत हमारे देश में कई नेताओं का चल चरित्र और चेहरा जनभावनाओं को आहट करने का काम कर रहा है। इसी क्रम में उत्तराखंड विधानसभा संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल द्वारा गढ़वालियों के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग किए जाने एवं संसद भवन में दयानिधि मारन के अमर्यादित बयान के साथ ही बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान “कुंभ मेला नहीं, मृतकों का कुंभ” इत्यादि बयानों के कारण उत्तराखंड विद्वतसभा आहत है। सभा ने अनर्गल बयानबाजी करने वाले नेताओं की मलिन बुद्धि उपचार के लिए आज दर्शनलाल चौक स्थित पंचायती मंदिर में बुद्धि शुद्धि यज्ञ का आयोजन किया गया।

सभा के अध्यक्ष आचार्य विजेन्द्र प्रसाद ममगाई ने कहा कि उतराखंड को देवभूमि कहा जाता है, यहां के निवासियों की भाषा सभ्य और सुंदर होनी चाहिए। उत्तराखंड विधानसभा में संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का बयान निंदनीय है। प्रेमचंद अग्रवाल, ममता बनर्जी, दयानिधि मारन, खडगे जैसे नेता बार बार भारतीय संस्कृति का अपमानित करते हैं। इसलिए सभा द्वारा इनकी बुद्धि को निर्मल करने के लिए बुद्धि शुद्धि यज्ञ किया गया है।

महासचिव दिनेश प्रसाद भट्ट ने कहा कि बुद्धि शुद्धि यज्ञ में सभी आचार्य जनों ने इन बयानों की घोर निंदा की और ईश्वर से प्रार्थना की कि इनकी बुद्धि शुद्ध हो । उक्त अवसर पर भूतपूर्व अध्यक्ष आचार्य डा. संदीप रतूड़ी , सह सचिव आचार्य मुरलीधर सेमवाल, सांस्कृतिक व संगठन सचिव आचार्य सुभाष चमोली, प्रवक्ता आचार्य मुकेश पंत ,कार्यकारणी सदस्य आचार्य आदित्यराम थपलियाल, आचार्य कमलेश्वर प्रसाद चमोली ,आचार्य दीपक बिजल्वाण ,आचार्य योगेश कृष्ण सेमवाल, आचार्य बालमुकुंद ममगाईं ,आचार्य महेंद्र थपलियाल, आचार्य मंगलेश ममगाईं,आचार्य कमल किशोर लोहनी इत्यादि महानुभाव उपस्थित रहे ।

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