Flash Story
सरकार होम स्टे योजना को बढ़ावा देकर युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ रही है- महाराज
कैरेबियाई देश डोमिनिका ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित करने की घोषणा की
मुख्य सचिव ने की स्मार्ट मीटरिंग के कार्यों की समीक्षा 
मुख्यमंत्री धामी ने जौलजीबी मेला-2024 का किया शुभारंभ
टीरा’ ने जियो वर्ल्ड प्लाजा में लॉन्च किया लग्जरी ब्यूटी स्टोर
सुबह उठने पर महसूस होती है थकान? ऊर्जा के लिए खाएं ये 5 खाद्य पदार्थ
फिल्म स्टार मनोज बाजपेई को जमीन खरीदवाने के लिए ताक पर रख दिए गए नियम- कायदे 
बिना सत्र ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में नजर आई गहमागहमी
पराजय को सामने देख अब प्रपंच रच रही है कांग्रेस, जनता देख रही है इनकी कुटिलता और झूठे पैंतरे – रेखा आर्या

मेंटल हेल्थ के लिए वर्क फ्रॉम होम से ज्यादा बेहतर है वर्क फ्रॉम ऑफिस, जानिए क्या कहती है स्टडी

कोरोना महामारी के दौरान दुनिया भर में लोगों ने बाहर जाकर काम करने की बजाय घर से ही काम किया । उस दौर में वर्क फ्रॉम होम का चलन बढ़ा और लोगों को इससे फायदा भी हुआ. इतने दिनों बाद भी कई कंपनियां हैं जो अपने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम का ऑप्शन दे रही हैं । लेकिन लंबे समय तक वर्क फ्रॉम होम करने से लोगों की मेंटल हेल्थ पर बुरा असर पड़ा है. हाल ही में कराई गई एक स्टडी में पता चला है कि मेंटल हेल्थ को दुरुस्त रखने में वर्क फ्रॉम होम की जगह वर्क फ्रॉम ऑफिस ज्यादा बेहतर है ।

हाल ही में ग्लोबल स्तर पर कराई गई एक स्टडी में कहा गया है कि भारत में ऑफिस में काम करने वाले इम्पलॉयी की मेंटल हेल्थ घर से काम करने वालों की अपेक्षा अच्छी रहती है । इसमें कहा गया है कि यूरोप और अमेरिका के उलट भारत में दफ्तर से काम करने वालों को मानसिक सुकून मिलता है । यहां दफ्तर से काम करने वाले लोग घर से काम करने वाले या हाईब्रिड माहौल में काम करने वालों की अपेक्षा कम तनाव में रहते हैं ।

यूरोप और अमेरिका की बात करें तो स्टडी कहती है कि इन जगहों पर हाइब्रिड माहौल में काम करने वाले लोगों की मेंटल हेल्थ की अच्छी ग्रोथ होती है. अमेरिका में सेपियंस लैब में वर्क कल्चर एंड मेंटल वेलबीइंग द्वारा ये स्टडी करवाई गई थी. इस स्टडी के तहत करीब 55 हजार कर्मचारियों को इस रिसर्च में शामिल किया गया ।

इस स्टडी में पाया गया कि अकेले काम करने वालों की अपेक्षा टीम में काम करने वाले लोगों की मेंटल हेल्थ ज्यादा अच्छी थी. वहीं दूसरी तरफ टीम के आकार और मेंटल हेल्थ में ग्रोथ की बात करें तो इस मामले में  दूसरे देश भारत से ज्यादा बेहतर हैं. इस स्टडी में कोशेंट नामक नजरिए को एड किया गया ।

आपको बता दें कि वर्क लाइफ को बेहतर करने वाले पहलुओं में टीम भावना, प्रेशर,  स्ट्रेस, कंपटीशन, टॉक्सिक एनवायरमेंट, आपसी रिलेशनशिप, अपने काम के प्रति गर्व महसूस करना, लैंगिक भेदभाव, काम के प्रति रुचि आदि पहलू शामिल हैं ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top