Flash Story
सीएम धामी ने गृह मंत्री को भेंट की मुनस्यारी शॉल 
सीएम धामी ने गृह मंत्री को भेंट की मुनस्यारी शॉल 
ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने ₹37 करोड़ की लागत के विभिन्न मोटर मार्गो का किया शिलान्यास 
ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने ₹37 करोड़ की लागत के विभिन्न मोटर मार्गो का किया शिलान्यास 
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी- ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आखिरी के दोनों मुकाबले नहीं खेलेंगे मोहम्मद शमी
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी- ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आखिरी के दोनों मुकाबले नहीं खेलेंगे मोहम्मद शमी
मिड-डे मील में छात्रों को परोसी जायेगी ईट राइट थाली
मिड-डे मील में छात्रों को परोसी जायेगी ईट राइट थाली
नाबालिग के साथ बर्बरता की हदें पार, बर्थ-डे पार्टी में बुलाकर नग्न कर पीटा, फिर चटवाया थूक
नाबालिग के साथ बर्बरता की हदें पार, बर्थ-डे पार्टी में बुलाकर नग्न कर पीटा, फिर चटवाया थूक
महेश बाबू की फिल्म एसएसएमबी 29 पर आया बड़ा अपडेट, जनवरी में शुरु होगी शूटिंग
महेश बाबू की फिल्म एसएसएमबी 29 पर आया बड़ा अपडेट, जनवरी में शुरु होगी शूटिंग
26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के मौके पर दिए जाएंगे ‘प्रधानमंत्री बाल पुरस्कार’ 
26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के मौके पर दिए जाएंगे ‘प्रधानमंत्री बाल पुरस्कार’ 
नगर निकाय चुनाव में दम आजमाने वाले नेताओं को अब देना होगा अपना आपराधिक ब्योरा
नगर निकाय चुनाव में दम आजमाने वाले नेताओं को अब देना होगा अपना आपराधिक ब्योरा
फलों का स्वाद नमकीन क्यों नहीं होता? जानिए खट्टे-मीठे फलों पर नमक डालकर खाना सही या गलत
फलों का स्वाद नमकीन क्यों नहीं होता? जानिए खट्टे-मीठे फलों पर नमक डालकर खाना सही या गलत

क्या है नो रॉ डाइट? जानिए इसके फायदे नुकसान और इससे जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण बातें

क्या है नो रॉ डाइट? जानिए इसके फायदे नुकसान और इससे जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण बातें

सोशल मीडिया पर आए दिन डाइट से जुड़े रुझान आते-जाते रहते हैं, लेकिन आपके लिए यह समझना जरूरी है कि आपके शरीर को क्या सूट करता है।हाल ही में प्रसिद्ध अभिनेत्री विद्या बालन ने एक इंटरव्यू में अपनी आहार संबंधी नियमों के बारे में बताया और इसी दौरान उन्होंने नो रॉ डाइट का भी जिक्र किया, जिसके बाद से यह काफी चलन में आ गया है।आइए जानते हैं कि नो रॉ डाइट क्या है और कैसे लाभदायक है।

क्या है नो रॉ डाइट?
यह एक ऐसी डाइट है, जिसमें कच्चे खाद्य पदार्थ नही लेने होते हैं।इसमें खाद्य पदार्थों को भूनकर, पकाकर, उबालकर या फिर किसी भी अन्य तरीके से संसाधित करके उनका सेवन करना शामिल है।यह उन लोगों के लिए उपयुक्त साबित हो सकता है, जिन्हें कच्चे खाद्य पदार्थों का सेवन न करने की सलाह दी जाती है, जैसे कि कमजोर इम्यूनिटी वाले, पाचन ससमस्याओं से ग्रस्त और गर्भवती महिलाओं के लिए कुछ कच्चे खाद्य पदार्थों का सेवन नुकसानदायक होता है।

डाइट में होना चाहिए कच्चे और पके खाद्य पदार्थों का संतुलन- विशेषज्ञ
खाद्य पदार्थों को पकाकर खाने से उन पर मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया और परजीवी मर जाते हैं, जिससे खाद्य जनित बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।उदाहरण के लिए टमाटर को पकाने के बाद इसमें मौजूद लाइकोपीन जैवउपलब्ध हो जाता है।हालांकि, पोषण विशेषज्ञों का कहना है कि कच्चे और पके दोनों प्रकार के खाद्य पदार्थों को शामिल करने से पोषक तत्वों और स्वास्थ्य लाभों का संतुलन सुनिश्चित होता है।

नो रॉ डाइट से मिलने वाले फायदे
खाना पकाने से कुछ पोषक तत्वों की जैवउपलब्धता बढ़ सकती है, जिससे वे शरीर द्वारा अधिक आसानी से अवशोषित हो जाते हैं।इससे खाद्य जनित बीमारियों को रोकने में मदद मिल सकती है, जो कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद हो सकती है।जब खाद्य पदार्थों को पकाया जाता है तो इससे उनमें कठोर कोशिका दीवारें और फाइबर टूट जाते हैं, जिससे शरीर के लिए उन्हें पचाना आसान हो जाता है।

नो रॉ डाइट के दुष्प्रभाव
फल और सब्जियों को पकाने से कुछ विटामिन और एंजाइम खत्म हो जाते हैं, जिसके परिणामस्वरूप उनका सेवन शरीर में पोषक तत्वों की कमी कर सकता है।इसके अतिरिक्त कुछ खाद्य पदार्थों को पकाने से उनमें मौजूद फाइबर कम हो सकता है और शरीर को पर्याप्त फाइबर न मिलने के कारण पाचन संबंधित समस्याएं हो सकती हैं।पके खाने से भरपूर पोषण न मिल पाने से शरीर भी ढंग से काम नहीं कर पाता।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top