नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इटली में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत, रूस-यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए अपने साधनों के भीतर हरसंभव प्रयास करना जारी रखेगा. उन्होंने यह भी कहा कि शांति का रास्ता बातचीत और कूटनीति से होकर गुजरता है.
पीएम मोदी ने इटली के अपुलिया क्षेत्र में जी7 शिखर सम्मेलन से इतर जेलेंस्की से मुलाकात की. प्रधानमंत्री ने जेलेंस्की से कहा कि भारत मानव-केंद्रित दृष्टिकोण में विश्वास करता है. दोनों नेताओं ने यूक्रेन संकट एवं स्विट्जरलैंड की मेजबानी में आयोजित किये जा रहे शांति शिखर सम्मेलन के संबंध में विचारों का आदान-प्रदान किया.
पीएम ने बैठक को बताया उपयोगी
पीएम ने जेलेंस्की के साथ बैठक को बहुत उपयोगी बताया और कहा कि भारत, यूक्रेन के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए उत्सुक है. पीएम मोदी ने एक्स पर कहा, ‘यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ बहुत उपयोगी बैठक हुई. भारत, यूक्रेन के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए उत्सुक है.’
उन्होंने कहा, ‘रूस के साथ जारी संघर्ष के बारे में, (मैंने) यह दोहराया कि भारत मानव-केंद्रित दृष्टिकोण में विश्वास करता है और यह मानता है कि शांति का मार्ग बातचीत और कूटनीति से होकर गुजरता है.’
शांति सम्मेलन को लेकर हुई चर्चा
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की और यूक्रेन की स्थिति एवं स्विट्जरलैंड में आयोजित होने वाले शांति सम्मेलन को लेकर विचारों का आदान-प्रदान किया.
मंत्रालय के अनुसार, ‘प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत संवाद और कूटनीति के माध्यम से संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान को प्रोत्साहित करना जारी रखेगा. उन्होंने यह भी दोहराया कि भारत शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करने के लिए अपने साधनों के भीतर सब कुछ करना जारी रखेगा.’
शांतिपूर्ण समाधान की बात दोहराई
उन्होंने कहा, ‘दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की और यूक्रेन की स्थिति पर विचारों का आदान-प्रदान किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत बातचीत और कूटनीति के माध्यम से संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान को प्रोत्साहित करना जारी रखेगा.’
प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल मई में हिरोशिमा में पिछले जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान भी जेलेंस्की से मुलाकात की थी. भारत का कहना है कि यूक्रेन में संघर्ष को संवाद और कूटनीति के माध्यम से हल किया जाना चाहिए. मोदी और जेलेंस्की के बीच यह मुलाकात स्विस शांति शिखर सम्मेलन से पहले हुई. यूक्रेन और रूस के बीच फरवरी 2022 से जंग चल रही है.
भारत ने बुधवार को कहा था कि वह यूक्रेन संघर्ष को लेकर आगामी शांति शिखर सम्मेलन में उचित स्तर पर भाग लेगा. प्रस्तावित शांति शिखर सम्मेलन 15 और 16 जून को ल्यूसर्न के बुर्गेनस्टॉक में होगा. स्विट्जरलैंड ने मोदी को भी इसमें भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है. हालांकि, ऐसी संभावना है कि शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व एक वरिष्ठ राजनयिक करेंगे.