नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए एक और राहत भरी खबर है. सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री पद से केजरीवाल को हटाने वाली याचिका खारिज कर दी है. दिल्ली शराब घोटाले (Delhi Liquor Policy Case) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की तरफ से की गई गिरफ्तारी की वजह से केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से हटाने की याचिका दाखिल की गई थी।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा, ‘यह दिल्ली के उपराज्यपाल पर निर्भर है कि अगर वह चाहें तो कार्रवाई करें, लेकिन हम हस्तक्षेप नहीं करेंगे.’ अदालत ने कहा कि यह प्राधिकार का मामला है, लेकिन केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है. पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा, ‘जब मामले की सुनवाई हो रही थी तो हमने उनसे भी यही सवाल किया था. आखिरकार यह प्राधिकार का मामला है और इसका कोई कानूनी अधिकार नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट याचिकाकर्ता कांत भाटी की याचिका पर सुनवाई कर रहा था. उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय के 10 अप्रैल के आदेश को चुनौती दी थी जिसके जरिये उनकी अपील को खारिज कर दिया गया था।
इससे पहले केजरीवाल ने रविवार को कहा कि अगर लोग 25 मई को आम आदमी पार्टी (AAP) को चुनते हैं, तो उन्हें दोबारा जेल नहीं जाना पड़ेगा. केजरीवाल ने कहा, ‘मुझे 20 दिन बाद वापस जेल जाना है. यदि आप झाड़ू (‘आप’ का चुनाव चिह्न) को चुनते हैं, तो मुझे वापस जेल नहीं जाना पड़ेगा.’ उन्होंने पश्चिमी दिल्ली से पार्टी के उम्मीदवार महाबल मिश्रा के समर्थन में मान के साथ उत्तम नगर में भी एक रोड शो किया. ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल 1 जून तक अंतरिम जमानत पर हैं. उन्हें 2 जून को सरेंडर करना है।