नई दिल्ली। श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की पेंशन योजना के दायरे में आने वाले पेंशनधारक जनवरी से किसी भी बैंक या उसकी शाखा से पेंशन ले सकेंगे। श्रम मंत्रालय ने बयान में कहा कि मांडविया ने कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) 1995 के लिए एक केंद्रीकृत पेंशन भुगतान प्रणाली (सीपीपीएस) के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। वह ईपीएफओ के शीर्ष निर्णय लेने वाले निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) के चेयरपर्सन भी हैं।
केंद्रीकृत पेंशन भुगतान व्यवस्था से पूरे देश में किसी भी बैंक या किसी भी शाखा के माध्यम से पेंशन का वितरण हो सकेगा। मंत्री ने कहा, ‘सीपीपीएस की मंजूरी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के आधुनिकीकरण की दिशा में मील का पत्थर है। इसके तहत पेंशनधारक देश में कहीं भी, किसी भी बैंक, किसी भी शाखा से अपनी पेंशन प्राप्त कर सकेंगे। यह पहल लंबे समय से चली आ रही पेंशधारकों की समस्याओं का समाधान करेगी।’
उन्होंने कहा कि यह ईपीएफओ को अपने सदस्यों और पेंशनधारकों की जरूरतों को बेहतर ढंग से पूरा करने के लिए अधिक मजबूत, उत्तरदायी और तकनीक-सक्षम संगठन में बदलने के हमारे प्रयासों की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। केंद्रीकृत पेंशन भुगतान प्रणाली से ईपीएफओ के 78 लाख से अधिक ईपीएस-95 पेंशनधारकों को लाभ होने की उम्मीद है।
केंद्रीकृत प्रणाली पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ) को एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय में स्थानांतरित करने की आवश्यकता के बिना पूरे देश में पेंशन का निर्बाध वितरण सुनिश्चित करेगी। यह उन पेंशनधारकों के लिए बड़ी राहत होगी जो सेवानिवृत्ति के बाद अपने गृहनगर चले जाते हैं। यह सुविधा एक जनवरी, 2025 से ईपीएफओ की चल रही सूचना प्रौद्योगिकी आधुनिकीकरण परियोजना केंद्रीकृत आईटी युक्त प्रणाली (सीआईटीईएस 2.01) के हिस्से के रूप में शुरू की जाएगी।
अगले चरण में, सीपीपीएस आधार-आधारित भुगतान प्रणाली (एबीपीएस) में एक सुचारु परिवर्तन लाएगी। मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि नई प्रणाली मौजूदा पेंशन वितरण प्रक्रिया से महत्वपूर्ण बदलाव है, जिसके तहत ईपीएफओ के प्रत्येक क्षेत्रीय/क्षेत्रीय कार्यालय को केवल तीन-चार बैंकों के साथ अलग-अलग समझौते करने पड़ते थे।इसमें कहा गया है कि अब पेंशनभोगियों को पेंशन शुरू होने के समय सत्यापन के लिए बैंक शाखा में जाने की जरूरत नहीं होगी और भुगतान जारी होने पर तुरंत जमा कर दिया जाएगा।इसके साथ ही ईपीएफओ को उम्मीद है कि नई प्रणाली से पेंशन वितरण लागत में महत्वपूर्ण कमी आएगी।