राजाजी टाइगर रिज़र्व के प्राकृतिक वास में रहेगी कार्बेट से पकड़ी मादा बाघ
हरिद्वार। कुछ दिन पूर्व कार्बेट से पकड़ी गई मादा बाघ को राजाजी टाइगर रिज़र्व में छोड़ दिया गया। टाइगर ट्रांसलोकेशन कार्य के तहत 7 मार्च 2024 को कार्बेट टाइगर रिजर्व की बेला रेंज में एक मादा बाघ को ट्रैकुलाइज किया गया था। इस मादा बाघ को लाने के बाद ट्रांसलोकेटेड बाघों की कुल संख्या 4 (01 नर व 03 मादा) हो गयी है। मादा बाघ को 11 मार्च को रेस्क्यू सेन्टर बेला से राजाजी टाइगर रिजर्व की मोतीचूर रेंज में केन्द्रीय चिडियाघर प्राधिकरण द्वारा निर्धारित Protocols for transportation of wild animals (2012) तथा एन०टी०सी०ए० द्वारा समय-समय पर निर्धारित एस०ओ०पी० के अन्तर्गत नियमानुसार परिवहन कर सकुशल लाया गया।
मादा बाघ की आयु लगभग 6 वर्ष है और पूर्ण रूप से स्वस्थ है। मादा बाघ पर मॉनिटरिंग हेतु रेडियो कॉलर लगायी गयी है। टाइगर ट्रांसलोकेशन परियोजना के अन्तर्गत भारत सरकार की अनुमति उपरांत कार्बेट टाइगर रिजर्व से बाधों को लाकर राजाजी टाइगर रिजर्व में छोड़े जाने की कार्यवाही विगत कुछ वर्षों से की जा रही है जिसके कम में अभी तक एक नर बाघ व दो मादा बाघ राजाजी टाइगर रिजर्व लाए गये हैं। 24 दिसम्बर 2020 को एक मादा बाघ 9 जनवरी 2021 को एक नर बाघ,16 मई 2023 को एक मादा बाघ को सफलतापूर्वक ट्रांसलोकेट किया गया है।
टाइगर ट्रांसलोकशन का कार्य ठाः दुष्यन्त शर्मा वरिष्ठ पशु चिकित्साधिकारी, कार्बेट टाइगर रिजर्व एवं डा० अमित ध्यानी, वरिष्ठ पशु चिकित्साधिकारी हरिद्वार वन प्रभाग हरिद्वार के निर्देशन में किया गया। ट्रांसलोकेटेड मादा बाध को 12 मार्च को प्रातः 10:00 बजे मोतीचूर रेंज स्थित टाइगर बाड़े में छोडा गया था। 15 मार्च को मादा बाघ को वन मंत्री सुबोध उनियाल , अनूप मलिक प्रमुख वनसंरक्षक (डॉफ), समीर सिन्हा, प्रमुख वन संरक्षक (वन्य जीव)/ मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक उत्तराखण्ड विवेक पांडेय अपर प्रमुख वन संरक्षक (वन्यजीव) निदेशक राजाजी टाइगर रिजर्व,महातिम यादव उप निदेशक राजाजी टाइगर रिजर्व की उपस्थिति में प्राकृतिक आवास में छोड़ा गया।
बाघ की निगरानी हेतु 24 घंटे 8 सदस्यीय मॉनिटरिंग टीम को लगाया गया है। जो सेटेलाइट एंटीना एवं कैमरा ट्रैप के माध्यम से बाघ की गतिविधि पर नजर बनाए रखेगी।