नई दिल्ली। दुनिया भर में मंकीपॉक्स के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। इस बीच, केंद्र सरकार ने रविवार को देशभर के सभी एयरपोर्ट और बंदरगाहों को अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि बांग्लादेश और पाकिस्तान की सीमाओं से सटे इलाकों में मंकीपॉक्स फैलने का खतरा सबसे ज्यादा है, इसलिए वहां विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।
इसके अलावा, देश के सभी नागरिकों से अपील की गई है कि वे यात्रियों पर विशेष ध्यान दें, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को इस वायरस का सबसे ज्यादा खतरा हो सकता है। किसी भी यात्री में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखने पर तुरंत सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी बताया कि मंकीपॉक्स के इलाज के लिए दिल्ली में तीन अस्पतालों को केंद्रित किया गया है, जिनमें राम मनोहर लोहिया अस्पताल, सफदरजंग अस्पताल और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज शामिल हैं। इन अस्पतालों में ही मंकीपॉक्स के मरीजों को क्वारंटीन करके उनका इलाज किया जाएगा।
वायरस इस बार अधिक विषैला और संक्रामक
प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा ने रविवार को उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि इस बार का मंकीपॉक्स वायरस अधिक विषैला और संक्रामक है। इसके चलते सभी को अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है। एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि हालांकि वायरस अधिक विषैला है, लेकिन राहत की बात यह है कि फिलहाल बड़े पैमाने पर प्रकोप का जोखिम कम है।
क्या है मंकीपॉक्स?
मंकीपॉक्स एक वायरस है जिसके शुरुआती लक्षण चेचक जैसे होते हैं। सामान्यतः यह वायरस घातक नहीं होता, लेकिन कुछ मामलों में यह गंभीर हो सकता है। मंकीपॉक्स के कारण शरीर में फ्लू जैसे लक्षण दिखते हैं और शरीर पर मवाद से भरे घाव हो जाते हैं। यह वायरस ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस फैमिली का सदस्य है, जो चेचक (स्मालपॉक्स) के लिए भी जिम्मेदार है।