Flash Story
सीएम धामी ने गृह मंत्री को भेंट की मुनस्यारी शॉल 
सीएम धामी ने गृह मंत्री को भेंट की मुनस्यारी शॉल 
ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने ₹37 करोड़ की लागत के विभिन्न मोटर मार्गो का किया शिलान्यास 
ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने ₹37 करोड़ की लागत के विभिन्न मोटर मार्गो का किया शिलान्यास 
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी- ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आखिरी के दोनों मुकाबले नहीं खेलेंगे मोहम्मद शमी
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी- ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आखिरी के दोनों मुकाबले नहीं खेलेंगे मोहम्मद शमी
मिड-डे मील में छात्रों को परोसी जायेगी ईट राइट थाली
मिड-डे मील में छात्रों को परोसी जायेगी ईट राइट थाली
नाबालिग के साथ बर्बरता की हदें पार, बर्थ-डे पार्टी में बुलाकर नग्न कर पीटा, फिर चटवाया थूक
नाबालिग के साथ बर्बरता की हदें पार, बर्थ-डे पार्टी में बुलाकर नग्न कर पीटा, फिर चटवाया थूक
महेश बाबू की फिल्म एसएसएमबी 29 पर आया बड़ा अपडेट, जनवरी में शुरु होगी शूटिंग
महेश बाबू की फिल्म एसएसएमबी 29 पर आया बड़ा अपडेट, जनवरी में शुरु होगी शूटिंग
26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के मौके पर दिए जाएंगे ‘प्रधानमंत्री बाल पुरस्कार’ 
26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के मौके पर दिए जाएंगे ‘प्रधानमंत्री बाल पुरस्कार’ 
नगर निकाय चुनाव में दम आजमाने वाले नेताओं को अब देना होगा अपना आपराधिक ब्योरा
नगर निकाय चुनाव में दम आजमाने वाले नेताओं को अब देना होगा अपना आपराधिक ब्योरा
फलों का स्वाद नमकीन क्यों नहीं होता? जानिए खट्टे-मीठे फलों पर नमक डालकर खाना सही या गलत
फलों का स्वाद नमकीन क्यों नहीं होता? जानिए खट्टे-मीठे फलों पर नमक डालकर खाना सही या गलत

तृतीय केदार तुंगनाथ मंदिर के कपाट आज शीतकाल के लिए किए गए बंद

तृतीय केदार तुंगनाथ मंदिर के कपाट आज शीतकाल के लिए किए गए बंद

पांच सौ से ज्यादा श्रद्धालु बने पावन पल के साक्षी

महादेव के जयकारों से गूंजा क्षेत्र 

रुद्रप्रयाग। पंचकेदारों में तृतीय केदार तुंगनाथ मंदिर के कपाट आज शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। पांच सौ से ज्यादा श्रद्धालु इस पावन पल के साक्षी बने। इस दौरान पूरा क्षेत्र हर हर महादेव के जयकारों से गूंज उठा। कपाट बंद होने के बाद भगवान तुंगनाथ की डोली भी प्रवास पर निकल गई है। सात नवंबर को शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर मर्कटेश्वर मंदिर में विराजमान होगी। श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डाॅ. हरीश चंद्र गौड़ ने बताया कि तुंगनाथ की यात्रा इस वर्ष 10 मई को शुरू हुई थी। इस साल यहां पौने दो लाख से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे।

मंदिर के कपाट बंद होने प्रक्रिया तड़के से शुरू हो गई थी। पूजा के बाद श्रद्धालुओं ने भगवान तुंगनाथ जी के दर्शन किए। ठीक दस बजे से मंदिर के गर्भगृह में कपाट बंद की प्रक्रिया शुरू हुई।  भगवान तुंगनाथ के स्वयंभू शिवलिंग को श्रृंगार रूप से समाधि स्वरूप में ले जाया गया।शिवलिंग को स्थानीय पुष्पों, फल पुष्पों, अक्षत से ढक दिया गया। इसके बाद मठापति रामप्रसाद मैठाणी, प्रबंधक बलबीर नेगी डोली प्रभारी प्रकाश पुरोहित की उपस्थिति में पुजारी अतुल मैठाणी और अजय मैठाणी ने तुंगनाथ मंदिर के कपाट बंद किए।

परिक्रमा के बाद हक-हकूकधारी भगवान तुंगनाथ जी की चल विग्रह डोली के साथ चोपता के लिए निकले। पांच नवंबर और 6 नवंबर को चलविग्रह डोली दूसरे पड़ाव भनकुन प्रवास करेगी। सात नवंबर को भगवान तुंगनाथ जी की चलविग्रह डोली शीतकालीन गद्दीस्थल मर्केटेश्वर मंदिर मक्कूमठ में विराजमान हो जाएगी। इसके बाद अगले छह महीने भगवान तुंगनाथ की पूजा यहीं होगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top