देहरादून। प्रदेश के मैदानी जिलों में गर्मी बढ़ने के साथ ही बिजली की मांग भी तेजी से आगे बढ़ रही है। शनिवार को बिजली की मांग बढ़कर 4.3 करोड़ यूनिट तक पहुंच गई। अब यूपीसीएल रोजाना बाजार से करीब एक करोड़ यूनिट तक पहुंच चुकी है। प्रदेश में अप्रैल की शुरुआत बिजली की 3.8 करोड़ यूनिट मांग से हुई, जो अब बढ़कर 4.3 करोड़ यूनिट प्रतिदिन तक पहुंच चुकी है। लगातार बढ़ती जा रही इस मांग के बीच यूपीसीएल की सांस फूलने लगी है। राज्य व केंद्र की उपलब्धता 3.2 से 3.5 करोड़ यूनिट तक ही है। ऐसे में रोजाना करीब एक करोड़ यूनिट बाजार से खरीदनी पड़ रही है।
हालांकि, अभी बिजली के दाम बाजार में चार रुपये प्रति यूनिट तक हैं। उधर, पीक ऑवर में बिजली आपूर्ति करने में भारी परेशानी का भी सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों खासकर हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर में यूपीसीएल रोजाना करीब डेढ़ से दो घंटे बिजली कटौती को मजबूर है। हालांकि, अभी कटौती छोटे कस्बों तक नहीं पहुंची है। यूपीसीएल के निदेशक परियोजना अजय कुमार अग्रवाल का कहना है कि फिलहाल काशीपुर स्थित गैस पावर प्लांट में से एक प्लांट चल रहा है। बाकी बंद किए हुए हैं। चूंकि बाजार से अपेक्षाकृत सस्ते दाम पर बिजली मिल रही है। हालांकि, उन्होंने अभी भारी बिजली समस्या से इन्कार किया।
प्रदेश में बिजली की किल्लत 20 अप्रैल के बाद बढ़ सकती है। यूपीसीएल भी काफी हद तक मौसम के मिजाज का इंतजार कर रहा है। मौसम ठीक रहा तो यूपीसीएल आपूर्ति आसानी से कर पाएगा, लेकिन अगर गर्मी और बढ़ेगी तो बिजली की मांग भी 4.8 करोड़ यूनिट तक पहुंच जाएगी। ऐसे में यूपीसीएल के लिए आपूर्ति मुश्किल हो जाएगी। बिजली कटौती और बढ़ सकती है।